शराब के नशे में, क्रोध में और नींद में ही मनुष्य सच बोलता है।
मनुष्य के दुःख के 2 प्रमुख कारण है पहला स्वार्थ और दूसरा सच्चाई पर विश्वास न होना।
तैरना ही है तो आशा के समुद्र में तैरिए, निराशा के समुद्र में तैरने से क्या फायदा। आशा की समाप्ति ही जीवन की समाप्ति है। निराशा मृत्यु है।
परोपकार मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है। यदि कोई मनुष्य परोपकारी नहीं है तो उसमें और दीवार में टंगी एक तस्वीर में भला क्या अंतर है।
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