1 खाली ना रहें, क्ंयोेकि खाली रहने से आदमी नकारात्मक ही सोचता है और कभी भूतकाल बारे तो कभी भविष्य बारे। वर्तमान ही जीवन है इसे अच्छा बनाए तो ही आने वाला जीवन अच्छा बन सकता है। कुछ ना कुछ करते रहे।
2 आदमी अपने दुख आप ही बनाता है, जब उसे मालूम है कि सोचने से कुछ नहीं हो सकता तो फिर भी सोचता है। आदमी इतना तो सोच ही सकता है कि जिसे सोचने से मन दुखी होता हो और मनोदशा खराब होती है तो उस के बारे क्ंयो सोचे।
4 जीवन में मनोरंजन जरूरी है, फिल्म देखे, हंसी-खुशी के गाने सुने। जिंदगी हंसी में गुजारे, आपको हंसता देख कर परिवार के सदस्य भी खुश होंगे या जिस से भी आप मिलेंगे वो भी आप को खुश देख कर खुश होगा।
5 किसी का दुख बांटे और किसी की खुशी में शामिल हो। घर में अकेले रहना और कुछ ना करना ही रोगो का सबसे बड़ा कारण है।
6 आत्मविश्वास से बढ़ कर इस दुनिया में कोई दवाई नहीं। जिसने अपना मन जीत लिया या अपने मन के भटकाव पर काबू पा लिया वो ही विजेता है।
7. शारिरिक काम जरूर करें, जितना पसीना निकलता है तो आदमी तरोताजा महसूस करता है। सवेरे सैर जरूर करें।
8. जीवन का असली आनंद होश में रह कर ही उठाया जा सकता है, नशा करके या सोते रह कर नहीं।
9. परमात्मा के दिए जीवन का भरपूर आनंद उठाएं। परिवार को हर तरह की खुशी देने की कोशिश करें। दुखः सुख में अपना परिवार ही साथ देता है। सुबह का भूला शाम को घर लौअ आए तो भूला नहीं कहलाता। अपनी कोशिशो और अच्छी सोच से जीवन सुखमय बनाएं। आदमी अपने कर्मो से अपना भाग्य खुद बनाता है।