Friday, 20 March 2015

Health

शराब के नशे में, क्रोध में और नींद में ही मनुष्य सच बोलता है।

मनुष्य के दुःख के 2 प्रमुख कारण है पहला स्वार्थ और दूसरा सच्चाई पर विश्वास न होना।

 

तैरना ही है तो आशा के समुद्र में तैरिए, निराशा के समुद्र में तैरने से क्या फायदा। आशा की समाप्ति ही जीवन की समाप्ति है। निराशा मृत्यु है।

परोपकार मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है। यदि कोई मनुष्य परोपकारी नहीं है तो उसमें और दीवार में टंगी एक तस्वीर में भला क्या अंतर है।

Monday, 18 August 2014

FEAR

डरावनी फिल्मेंडरावने सीरीयल या अखबारों और रसालों में भूत-प्रेत की कहानियों से बच्चों के दिमाग में डर डाला जा रहा है। बहादुर बच्चें देश की तरक्की में अहम योगदान दे सकते है और डरपोक बच्चें खुद भी रोगी और जिस समाज में रहेंगे उसे भी रोगी ही बनाएंगे। ज्यादा से ज्यादा रूपया कमाने की होड़ में मनुष्य समाज के प्रति अपना कर्तव्य ही भूल गया है। बच्चों के नाजुक दिमाग में एक बार जो बात बैठ जाएं तो वही मानसिक रोग का कारण भी बन जाती है। रोजाना ऐसी खबरें पढ़ने या सुनने को मिलती है कि तांत्रिक ने बलात्कार कर दिया या बच्चे की बलि दे दी या रूपऐ लेकर भाग गया। एक तरफ सरकार ऐसे अपराधों पर नकेल डालने का दावा करती है और दूसरी तरफ सीरीयल या फिल्मों के जरिए डर या भूत-पे्रत जैसी बातों का बढ़ावा दिया जा रहा है। बार-बार झूठ दिखाया जाए तो वो भी सच महसूस होने लगता है और मनुष्य अंधविश्वासी हो जाता है। ऐसे सीरीयल या फिल्में बनाने वालों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। हर नागरिक का कर्तव्य बनता है कि अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखें या अदालत का दरवाजा खटखटाएं। जागरूक नागरिक होने का कर्तव्य निभाए और समाज को सुधारने मं अपना योगदान दें।        


Saturday, 16 August 2014

Re: SEX PROBLEM

डरावनी फिल्में, डरावने सीरीयल या अखबारों और रसालों में भूत-प्रेत की कहानियों से बच्चों के दिमाग में डर डाला जा रहा है। बहादुर बच्चें देश की तरक्की में अहम योगदान दे सकते है और डरपोक बच्चें खुद भी रोगी और जिस समाज में रहेंगे उसे भी रोगी ही बनाएंगे। ज्यादा से ज्यादा रूपया कमाने की होड़ में मनुष्य समाज के प्रति अपना कर्तव्य ही भूल गया है। बच्चों के नाजुक दिमाग में एक बार जो बात बैठ जाएं तो वही मानसिक रोग का कारण भी बन जाती है। रोजाना ऐसी खबरें पढ़ने या सुनने को मिलती है कि तांत्रिक ने बलात्कार कर दिया या बच्चे की बलि दे दी या रूपऐ लेकर भाग गया। एक तरफ सरकार ऐसे अपराधों पर नकेल डालने का दावा करती है और दूसरी तरफ सीरीयल या फिल्मों के जरिए डर या भूत-पे्रत जैसी बातों का बढ़ावा दिया जा रहा है। बार-बार झूठ दिखाया जाए तो वो भी सच महसूस होने लगता है और मनुष्य अंधविश्वासी हो जाता है। ऐसे सीरीयल या फिल्में बनाने वालों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। हर नागरिक का कर्तव्य बनता है कि अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखें या अदालत का दरवाजा खटखटाएं। जागरूक नागरिक होने का कर्तव्य निभाए और समाज को सुधारने मं अपना योगदान दें।        



2014-08-14 21:04 GMT+05:30 p p <puriblog7@gmail.com>:

1 खाली ना रहें, क्ंयोेकि खाली रहने से आदमी नकारात्मक ही सोचता है और कभी भूतकाल बारे तो कभी भविष्य बारे। वर्तमान ही जीवन है इसे अच्छा बनाए तो ही आने वाला जीवन अच्छा बन सकता है। कुछ ना कुछ करते रहे।

 2 आदमी अपने दुख आप ही बनाता है, जब उसे मालूम है कि सोचने से कुछ नहीं हो सकता तो फिर भी सोचता है। आदमी इतना तो सोच ही सकता है कि जिसे सोचने से मन दुखी होता हो और मनोदशा खराब होती है तो उस के बारे क्ंयो सोचे।

 4 जीवन में मनोरंजन जरूरी है, फिल्म देखे, हंसी-खुशी के गाने सुने। जिंदगी हंसी में गुजारे, आपको हंसता देख कर परिवार के सदस्य भी खुश होंगे या जिस से भी आप मिलेंगे वो भी आप को खुश देख कर खुश होगा।

 5 किसी का दुख बांटे और किसी की खुशी में शामिल हो। घर में अकेले रहना और कुछ ना करना ही रोगो का सबसे बड़ा कारण है।

 6 आत्मविश्वास से बढ़ कर इस दुनिया में कोई दवाई नहीं। जिसने अपना मन जीत लिया या अपने मन के भटकाव पर काबू पा लिया वो ही विजेता है।

 7. शारिरिक काम जरूर करें, जितना पसीना निकलता है तो आदमी तरोताजा महसूस करता है। सवेरे सैर जरूर करें।

 8. जीवन का असली आनंद होश में रह कर ही उठाया जा सकता है, नशा करके या सोते रह कर नहीं।

 9. परमात्मा के दिए जीवन का भरपूर आनंद उठाएं। परिवार को हर तरह की खुशी देने की कोशिश करें। दुखः सुख में अपना परिवार ही साथ देता है। सुबह का भूला शाम को घर लौअ आए तो भूला नहीं कहलाता। अपनी कोशिशो और अच्छी सोच से जीवन सुखमय बनाएं। आदमी अपने कर्मो से अपना भाग्य खुद बनाता है।



On Thu, Aug 14, 2014 at 8:46 PM, p p <puriblog7@gmail.com> wrote:
CURE 95 % SEX PROBLEM WITHOUT MEDICINE


Thursday, 14 August 2014

Re: SEX PROBLEM

1 खाली ना रहें, क्ंयोेकि खाली रहने से आदमी नकारात्मक ही सोचता है और कभी भूतकाल बारे तो कभी भविष्य बारे। वर्तमान ही जीवन है इसे अच्छा बनाए तो ही आने वाला जीवन अच्छा बन सकता है। कुछ ना कुछ करते रहे।

 2 आदमी अपने दुख आप ही बनाता है, जब उसे मालूम है कि सोचने से कुछ नहीं हो सकता तो फिर भी सोचता है। आदमी इतना तो सोच ही सकता है कि जिसे सोचने से मन दुखी होता हो और मनोदशा खराब होती है तो उस के बारे क्ंयो सोचे।

 4 जीवन में मनोरंजन जरूरी है, फिल्म देखे, हंसी-खुशी के गाने सुने। जिंदगी हंसी में गुजारे, आपको हंसता देख कर परिवार के सदस्य भी खुश होंगे या जिस से भी आप मिलेंगे वो भी आप को खुश देख कर खुश होगा।

 5 किसी का दुख बांटे और किसी की खुशी में शामिल हो। घर में अकेले रहना और कुछ ना करना ही रोगो का सबसे बड़ा कारण है।

 6 आत्मविश्वास से बढ़ कर इस दुनिया में कोई दवाई नहीं। जिसने अपना मन जीत लिया या अपने मन के भटकाव पर काबू पा लिया वो ही विजेता है।

 7. शारिरिक काम जरूर करें, जितना पसीना निकलता है तो आदमी तरोताजा महसूस करता है। सवेरे सैर जरूर करें।

 8. जीवन का असली आनंद होश में रह कर ही उठाया जा सकता है, नशा करके या सोते रह कर नहीं।

 9. परमात्मा के दिए जीवन का भरपूर आनंद उठाएं। परिवार को हर तरह की खुशी देने की कोशिश करें। दुखः सुख में अपना परिवार ही साथ देता है। सुबह का भूला शाम को घर लौअ आए तो भूला नहीं कहलाता। अपनी कोशिशो और अच्छी सोच से जीवन सुखमय बनाएं। आदमी अपने कर्मो से अपना भाग्य खुद बनाता है।



On Thu, Aug 14, 2014 at 8:46 PM, p p <puriblog7@gmail.com> wrote:
CURE 95 % SEX PROBLEM WITHOUT MEDICINE

SEX PROBLEM

CURE 95 % SEX PROBLEM WITHOUT MEDICINE

Saturday, 24 April 2010

Awareness is must

Till the people would not learn about their rights they would continued to be exploited at every level.  The poor would remain a poor and a wide gap between rich and poor would continue to exist and widen further.  It is the only cause of terrorism and of corruption also.  Terror is prevalent at every level, mind, soul says you do whatever you like.  I would do whatever I would feel proper and in sexual diseases also.  When people are exploited and reality does not surface, people have to take medicine without suffering from any disease, money is wasted redolently and people becoming mental wrecks or committing suicides, just think it less than a terror then?

Friday, 26 March 2010

REASON OF SEX PROBLEM.

1 LACK OF SEX EDUCATION
2 HORRIBLE ADVERTISEMENTS
3 PATIENT WANTS TO GET CURED IMMEDIATELY.
4 TREATMENT IN HOTEL, PHARMACY & DAWAKHANA.
5 NO ONE WANT TO SHARE HIS PROBLEM WITH OTHERS.